सोमवार, 31 दिसंबर 2012

इस नए वर्ष में

स्वप्न साकार हों इस नए वर्ष में

स्वर्ग संसार हो इस नए वर्ष में 

जिनको मावस की रातें मिलीं,

प्राप्त उजियार हो इस नए वर्ष में ।

वेदना न रहे इस नए वर्ष में

रक्त यूँ न बहे इस नए वर्ष में 

आस,विश्वास,कर्त्तव्य,प्रण पूर्ण हों,

आस्था ना ढहे इस नए वर्ष में । 

प्रेम हो, प्रीत हो इस नए वर्ष में 

सत्य की जीत हो इस नए वर्ष में 

सुर से सुर मिल बने एक ही रागिनी 

ऐसा संगीत हो इस नए वर्ष में ।

शनिवार, 29 दिसंबर 2012


जाने क्यों दिल यह शुरू से कहता रहा कि ऐसा तो होना ही था पर मैंने दिल की कभी नहीं सुनी, इस बार तो रह भी नहीं सुनना चाहती थी पर क्या सब कुछ मेरे सोचने से संभव है ? इतनी शर्म, इतनी हया और इतनी बेइज़्ज़ती शायद ही कभी महसूस की होगी ? मेरा देश तो यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते वाला देश था...........

बुधवार, 26 दिसंबर 2012

जीने का तरीका



क्यों कहें कि संसार बुरा है ?
क्या हम भी अंग नहीं इस संसार के ?
क्यों पड़ें इस बहस में कि ?
आप बुरे हैं या हम बुरे हैं
जीने आए हैं इस संसार में
जीके ही मरना है सबको, तो
क्यों न बने एक भला मानुष ?
क्यों न जिएँ एक बेहतरीन जीवन ?
क्यों न छोड़ें अपनी अच्छी छाप ?
क्यों न कहें कुछ मीठे वचन ?
क्यों न करें कुछ नेक करम ?
चलिए सोचें, विचारें, शुरू करें जीवन
पथ-प्रदर्शक का न सही पर
पथ-भ्रष्ट का कभी नहीं ।