शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

IMPORTANCE OF LANGUAGE

भाषा विचारों और भावों को प्रकट करने का साधन है. भाषा के द्वारा मानव-समुदाय अपने विचारों और भावों को प्रभावशाली ढंग से दूसरों तक पहुंचाता है और दूसरों के विचारों को समझता है.भाषा संप्रेषण का एक सशक्त माध्यम है.भाषा का प्रयोग मानव-समाज के बीच इतने सहज और स्वाभाविक रूप से होता है कि सामान्यतः लोगों का ध्यान भाषायी क्रिया पर केंद्रित न होकर उसके द्वारा अभिव्यक्त तथ्यों पर केंद्रित हो जाता है.
भाषा सामाजिक संगठन, सामाजिक मान्यताओं और सामाजिक व्यवहार का एकमात्र साधन है.भाषा के द्वारा ही समाज का गठन और उसका विकास होता है.संस्कृति का विकास भी भाषा से ही संभव है.भाषा के अभाव में समाज और उसकी संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती.मानव-समाज के लिए भाषा का महत्त्व असंदिग्घ है.
भाषा के द्वारा व्यक्ति में विचार-विनिमय की कुशलता का विकास होता है,उसके व्यक्तित्व का विकास होता है. मानसिक, संवेगात्मक, नैतिक, चारित्रिक विकास भी भाषा से ही संभव है.व्यक्ति में सौंदर्यानुभूति एवं रसानुभूति भी भाषा से ही विकसित होती है.
स्वतंत्र भारत में हिंदी को राष्ट्र-भाषा के मूर्धन्य पद पर आसीन किया गया है.इसमें कोई संशय नहीं कि भारत को एक सूत्र में केवल हिंदी ही बांध सकती है,इसलिए इसके गहन पठन-पाठन की आवश्यकता है
धन्यवाद! 

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