शनिवार, 25 दिसंबर 2010

पलों की सहज कहानी ---ज़िंदगी

पलों की सहज कहानी ---ज़िंदगी

पलकों के पार इससे स्पष्ट क्या हो सकता है ?
छोटी-छोटी खुशियों में बसी ज़िंदगी पंखों पर लहराती तितली
थिरकती बारिश की बूंदें, मुस्कराते फूल.......

ज़िंदगी ,जैसे सपनों के रंग समाए आसमान पर बिखरा इंद्रधनुष
हर पल , हर दिन, ज़िंदगी का एक छोटा सा टुकड़ा, लेकिन बस यही सारा सरमाया
सर्वशक्तिमान होने का एहसास दिलाती ज़िंदगी,
भरपूर उत्साह है ज़िंदगी....

देश की प्रगति पर, उपलब्धियों पर गौरवान्वित होने का नाम है ज़िंदगी,
हंसने के लिए, मचलने के लिए, खिलखिलाने के लिए,
दर्द बांटने और दुख में खुशी तलाशने के लिए ज़िंदगी....
ज़िंदगी , कुछ प्यार, कुछ ख्याल, कुछ एहसास

पलों की सहज कहानी....
              ...बस यही है ज़िंदगी

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