शुक्रवार, 17 मई 2013

रंग


जीवन... जीते हैं लोग...
वही... जो, जैसा मिल जाता है उन्हें...
पर इस एक जीवन में... है एक और जीवन...
जिसे, अक्सर भूल जातें हैं हम...
वो है 'रंगों' का जीवन...
हर रंग एक जीवन खुद में...
हर जीवन एक रंग खुद में....
हर रंग की अपनी कहानी...
हर कहानी का अपना रंग...
खुशियाँ, उदासियाँ, उल्लास, विश्वास...
जीवन की तरह हर मोड़ है यहाँ...
हर खुशबू है, हर सपना है...

कभी उदासी में साथ देता...
कभी मुस्कान में चार-चाँद लगता...
इन्सां बदलते देखे...
रंगों का हाथ पकड़ते छोड़ते देखे...
पर ये रंग... ... ...
ये कभी नहीं बदलते...
इनकी तासीर... इनके एहसास, रहते हैं...
हमेशा... एक जैसे...
बस... एहसासना नहीं आता हमें...
कभी जो रंग लगता चमकीला...
कभी उसी की चमक चुभती आँखों को...
कभी जिस रंग की उदासी लुभाती...
कभी उसकी उसकी उदासी ध्यान बंटाती...

इन रंगों ने तो देना चाहा जीवन हमेशा...
ये बताते इनकी तरह है जीवन भी...
हर रंग से भरा...
बस, चुनना है हमें...
सही रंग, और भरना है उसे...
सही मात्रा में... तो ही...
देखेंगे हम, जीवन के 'कैनवास' में...
सजता... हर वो रंग...
जो करता हो पूरा...
हमारा चित्र... हमारा 'जीवन'...!

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