आज 12 दिसंबर 2020 है
बन कर दीप तुम्हें जलना
है
थक न जाएं कदम तुम्हारे
राही तुम्हें और चलना
है,
घोर निराशा के अंधकार
में
बन कर दीप तुम्हें जलना
है ॥
कर्म
तुम्हारा केवल पूजा
और
न साथी कोई न दूजा,
श्रम-ईश्वर
के माथे पर ही
बनकर
सुमन तुम्हें चढ़ना है ॥
यह दुनिया तो कर्म क्षेत्र
है
जिसमें बस आना-जाना है,
मत घबराओ कभी दुखी न
हो
बनकर पवन तुम्हें बहना
है ॥
घोर निराशा के अंधकार
में
बन कर दीप तुम्हें जलना
है॥
तुम्हीं राम हो तुम्हीं
श्याम हो
तुम जन-जन के प्राण अमर
हो,
आगे कदम बढ़ाते जाओ
कभी नहीं पीछे हटना है
॥
मन वाणी से एक रहो तुम
कभी न खोना अपना संयम,
मातृभूमि के सदा ऋणी
हो
इतना ध्यान सदा रखना
है ॥
घोर निराशा के अंधकार
में
बन कर दीप तुम्हें जलना
है॥
बनो त्याग की मूर्ति
हमेशा
कुछ तो कर जाओ ऐसा,
जिससे याद तुम्हारी आए
क्योंकि तुम्हें मरकर
जीना है ॥
थक न जाएं कदम तुम्हारे
राही तुम्हें और चलना
है,
घोर निराशा के अंधकार
में
बन कर दीप तुम्हें जलना
है ॥
THANK YOU DADDY, कि मुझे आपकी बेटी होने का सौभाग्य मिला 👸
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