जो बादलों में उतर रही गगन से आकर,
जो पर्वतों पर बिखर रही है सफ़ेद चादर,
वही तो मैं हूँ.... वही तो मैं हूँ....
जो इन दरख्तों के सब्ज़ पत्तों पे डोलती है,
जो ओस बनकर हर मौसम को खेलती है,
वही तो मैं हूँ.....वही तो मैं हूँ....
मंगलवार, 30 नवंबर 2010
BEWARE
PREVENTION IS BETTER THAN CURE because IF NOT PREVENTED THERE'S NO CURE on WORLD AIDS DAY
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